मिट्टी है अनमोल

 प्रिय पाठकगण, 

 मिट्टी पलीत हो जाना ,  खाक में मिलजाना आदि कई मुहावरे तो आपने सुने ही होंगे। इन मुहावरों के द्वारा कहीं ना कहीं हम मिट्टी को निम्न दर्जे का समझते हैं । लेकिन मेरे अनुसार मिट्टी अनमोल है। इस मिट्टी से ही हम लोगों को जीवन मिला है। पाँच तत्वों में से एक तत्व मिट्टी भी  है। 

क्षित, जल, पावक, गगन, समीरा। 

पंच रचित यह अधम शरीरा ।। 

व्यक्ति मिट्टी से ही अपना जीवन यापन करता है ।  मिट्टी के लिए ही जीता और मरता है और अंत में पंचतत्वों में विलीन हो जाता है। इस मिट्टी का बहुत महत्व है। इसका कोई मोल नहीं हो सकता। अपने प्रतिदिन के कार्यों में और अपनी संस्कृति में भी मैंने मिट्टी का अत्यधिक प्रयोग देखा है।  मैं उम्मीद करती हूँ कि मिट्टी का महत्व बताती हुई मेरी यह कविता आपको पसंद आएगी। 



मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल। 

तू भी तो कुछ बोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ।। 

मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ...... 


बारिश की बूँदें मिट्टी को, खुशबू से महकाती हैं। 

मिट्टी का आलंबन पा, प्रकृति खूब हर्षाती है ।। 

बीजों का मिट्टी में मिल, अंकुरित होना भाता है। 

मिट्टी के कारण ही धरा का, रूप सँवर सा जाता है।। 

मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ।।। 

तू भी तो कुछ बोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल.... 


मिट्टी के कारण ही हैं, बचपन की अठखेलियाँ। 

मित्रों से लड़ना, झगड़ना लेकर के कुछ ढेलियाँ।। 

चेहरे की रंगत हेतु , मिट्टी की लगाना लेपियाँ। 

नवरात्रों में झांझी  की, टिकली वाली थेपियाँ।। 

मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ।।। 

तू भी तो कुछ बोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल..... 


मिट्टी ही तो देश की आन,बान और शान है। 

इस मिट्टी के खातिर ही तो हर प्राणी कुर्बान है।। 

यह मिट्टी ही तो कृषकों का, जीवन यापन करवाती है। 

कुंभकार के कर कमलों से, नए-नए दीप बनवाती है।। 

मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ।।। 

तू भी तो कुछ बोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल .... 


मिट्टी के चूल्हों पर दादी की, रोटी पकाई जाती है। 

यह मिट्टी ही तो नंदलाला की, चंचलता बढ़ाती है।। 

मिट्टी से ही बनी गौर, हर घर में पूजी जाती है। 

मिट्टी से बनी देह , फिर मिट्टी में मिल जाती है।। 

मिट्टी है अनमोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ।।। 

तू भी तो कुछ बोल प्यारे, मिट्टी है अनमोल ..... 

(©) नीरू शर्मा


Dear readers,

 You must have listened to many idioms such as earthen soil, blending of things etc. Somewhere through these idioms, we consider the soil to be inferior. But according to me the soil is precious. We have got life from this soil. One of the five elements is soil.

Kshit, Jal, Pawak, Gagan, Sameera.

Panch Rachit Yh Adham Sharira. 

A person lives his life from the soil. He lives and dies for the soil and eventually merges with the five elements. This soil has great importance. It cannot have any value. I have seen excessive use of soil in my daily work and also in my culture. I hope that you will like this poem describing the importance of clay.
(©) Neeru Sharma

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